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पूनम -23-Dec-2024

प्रतियोगिता हेतु 
दिनांक: 23/12/2024

पूनम का चाँद

चांदनी रात में तुम आती हो घर मेरे,
लाती हो खुशियाँ हज़ार हंसती हो संग मेरे,
वो मिलन की रात हसीन बहुत होती है,
जब पूनम का चाँद बन तुम आती हो घर मेरे।

मैं डूब जाता हूँ तुम्हारी निगाहों में और,
तुम भी खो जाती हो मेरी आँखो में,
मदहोश कर देती हैं तुम्हारी शोख अदाएँ,
जब पूनम का चाँद बन तुम आती हो घर मेरे।

तुम नहीं होती तो चाँदनी रात तड़पाती है बहुत,
दिन में उदासी और रातों को रूलाती है बहुत,
तुम्हारा अहसास भर देता है मेरे खाली दामन को,
जब पूनम का चाँद बन तुम आती हो घर मेरे।

तुम्हारा और चाँद का रिश्ता है बहुत पुराना,
आसमान में होती जगमग सहारा है हमारा,
तुम्हारे आने से फैल जाती है रौशनी जहाँ में,
जब पूनम का चाँद बन तुम आती हो घर मेरे।

शाहाना परवीन'शान'...✍
मुज़फ्फरनगर 

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6 Comments

Anjali korde

23-Jan-2025 05:58 AM

👌

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kashish

22-Jan-2025 01:18 PM

fantastic

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RISHITA

20-Jan-2025 05:33 AM

👌👌

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